गोरखपुर। अब राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर पर एक समान पाठ्यक्रम होंगे। लंबी कवायद के बाद सोमवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में न्यूनतम समान पाठ्यक्रम निर्धारण समिति की बैठक में अंतत-इस पर मुहर लग गई। तीन दिनों के अंदर समिति शासन को अपनी रिपोर्ट सौंप दे देगी। जिसे शासन सभी विश्वविद्यालयों को भेजकर विवि के स्थानीय निकायों से पारित कराकर लागू कराएगी। जुलाई से शुरू होने वाले आगामी सत्र- 2020-21 से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम लागू हो सकते हैं। सभी से सहयोग से तैयार हुआ पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन स्थित कमेटी हाल में समिति के निर्णयों की जानकारी देते हुए चैयरमैन व सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.सुरेंद्र दुबे ने बताया कि समिति की सातवीं व अंतिम बैठक में पूरे प्रदेश से बने पाठ्यक्रमों को अंतिम रूप दे दिया गया। निर्णय के अनुसार प्रत्येक विश्वविद्यालय में 70 फीसद पाठ्यक्रम लागू करना अनिवार्य होगा। 30 फीसद विश्वविद्यालय स्थानीयता व विशिष्टता के अनुसार संशोधन व परिवर्तन कर सकता है। सभी पाठ्यक्रम डेमोक्रेटिक तरीके से प्रदेश के सभी प्रमुख विश्वविद्यालयों के सहयोग से तैयार किया गया है। इन्होंने तैयार किया पाठ्यक्रम प्रो.दुबे ने बताया कि गोरखपुर विश्वविद्यालय में कला संकाय व लखनऊ विश्वविद्यालय में विज्ञान संकाय के अधिकांश पाठ्यक्रम बने हैं। इसके अलावा स्थानीय समृद्धि कृषि संकाय व गृह विज्ञान के पाठ्यक्रम भीमराव अंबेडकर विवि आगरा, शिक्षाशास्त्र का बरेली विश्वविद्यालय, प्राचीन इतिहास व राजनीति शास्त्र का पाठ्यक्रम मेरठ विश्वविद्यालय, भौतिकी का पूर्वांचल व लखनऊ विश्वविद्यालय तथा प्रतिरक्षा अध्ययन का पाठ्यक्रम इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने तैयार किया है। सभी मान्यता प्राप्त विषयों का ही यह पाठ्यक्रम बना है। यदि कोई विश्वविद्यालय चाहे तो वह बिना संशोधन के शत-प्रतिशत पाठ्यक्रम अपने यहां लागू कर सकता है। बैठक में प्रमुख रूप से भीमराव अंबेडकर विवि के कुलपति प्रो.अरविंद दीक्षित, लखनऊ विवि के पूर्व प्रति कुलपति प्रो.यूएन द्विवेदी, एमजेपी विवि रुहेलखंउ बरेली के कुलपति प्रो.अनिल शुक्ला, डीडीयू के कुलपति प्रो.वीके सिंह, अपर सचिव उप्र उच्च शिक्षा परिषद आरके चतुर्वेदी तथा स्थानीय सहयोग के निमित्त पूर्व प्रति कुलपति एसके दीक्षित तथा प्रो.राजवंत राव विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में मौजूद रहे। एक समान पाठ्यक्रम के अंतर्गत सर्वाधिक नौ पाठ्यक्रम दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय ने तैयार किए हैं। जबकि आठ लखनऊ विश्वविद्यालय तथा चार पाठ्यक्रम आगरा विश्वविद्यालय ने तैयार किए हैं। अन्य विश्वविद्यालयों ने एक से दो पाठ्यक्रम तैयार किए हैं। एलएलबी का पाठ्यक्रम गोरखपुर विवि ने तैयार किया है। एक समान पाठ्यक्रमों को कौशल विकास कार्यक्रम को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यानी पाठ्यक्रम को रोजगारपरक बनाया गया है। ताकि छात्र बीए या बीएससी करने के बाद आसानी से रोजगार पा सके। ङ्क्षहदी में प्रयोजनमूलक ङ्क्षहदी जोड़ा गया है। पाठ्यक्रम को बनाने में इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा में भी एक समान पाठ्यक्रम मिले।
प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में अब एक समान पाठ्यक्रम -क्यों हुआ है निर्णय